शब्द समर

विशेषाधिकार

भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
चोरी पाए जाने पर दंडात्मक कारवाई की जाएगी|
अतः पाठक जन अनुरोध है कि बिना रचनाकार के अनुमति के रचना का उपयोग न करें, या करें, तो उसमें रचनाकार का नाम अवश्य दें|

22.10.21

निर्भय-प्रेम

प्रेमी,
भीग जाने से कभी नहीं हिचकिचाता;
चाहे वृष्टि-
प्रेम की हो,
या पानी की।

रसिक,
डूब जाने से कभी नहीं घबराता;
चाहे गहराई-
आँखों की हो
या झील की।

भ्रमर,
पान करने से कभी नहीं सकुचाता;
चाहे पराग-
अधर का हो,
या सुमन का।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें