शब्द समर

विशेषाधिकार

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8.10.21

पंथ

 दक्षिण,

अर्थात ऐसी दिशा,

जो हिन्दू मान्यताओं के अनुसार-

होती है पूर्ण अशुभ,

जिसकी ओर

तभी मुख किया जाता है,

जब हो जाती है मृत्यु किसी की,

पड़ जाता है सूतक घर-खानदान में।

ठीक उसके वाम दिशा में

होता है पूर्व,

जहाँ से उदित होते हैं,

दिनमान,

जिनके प्रकाश से

चलायमान होती है समूची सृष्टि।

हिन्दू मान्यताओं में

सबसे शुभ दिशा है पूर्व,

जिस ओर मुख करके

किये जाते हैं,

शुभकर्म सभी।

अब निर्णय वे करें

कि उन्हें है कौन-सा पंथ स्वीकार?

जो सूतकीय है,

या जिसकी क्षितिज से

संसार प्रकाशित होता है।

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