शब्द समर

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23.1.11

असीम की आकांक्षा

जी करता है, समेट लूं
अनंत सागर को अपने आलिंगन में,
किन्तु मेरी बाहें नहीं हैं उतनी बड़ी.
जी करता है, पी लूं
सारा पानी बरसते हुए बादलों का,
किन्तु नहीं फैलता मेरा मुंह समाहित करने को उन्हें.
जी करता है, नाप लूं
पूरी धरती को एक पग में,
किन्तु वामन जैसे नहीं हैं मेरे पाँव.
मैं अनंत ब्रह्माण्ड में
करोड़ों के बीच बिखरा हुआ एक
जीव हूँ.

12.1.11

मीडिया में परिवर्तन वक़्त कि ज़रुरत

आज मीडिया में कई नए प्रयोग किये जा रहे हैं. ये प्रयोग ही मीडिया में परिवर्तन की राह प्रशस्त कर रहे हैं. इसी सिलसिले में स्टार न्यूज़ के राष्ट्रीय मामलों के संपादक दीपक चौरसिया से खास बातचीत की हमारे विकल्प संवाददाता जितेन्द्र देव पाण्डेय 'विद्यार्थी' ने. प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश....
प्रश्न- क्या आपको लगता है कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया अपने उद्देश्यों से भटक रहा है?
उत्तर-
नहीं ऐसा नहीं है. इलेक्ट्रोनिक मीडिया अपने जगह पर सही कार्य कर रहा है. आज का दर्शक जो पसंद कर रहा है, इलेक्ट्रोनिक मीडिया उससे भी बेहतर देने की कोशिश कर रहा है. हाँ कुछ परिवर्तन हो रहे हैं जो वक़्त की ज़रुरत है.
प्रश्न- इलेक्ट्रोनिक मीडिया इन्फोटेंमेन्ट की ओर बढ़ रहा है, इसके पीछे क्या कारण है?
उत्तर-
नहीं. मीडिया अपने उद्देश्यों के साथ है. हाँ, हर कोई खबरों के आलावा मनोरंजन चाहता है. एक ही चीज़ देखकर दर्शक बोर ना हो इसलिए खबरों के आलावा फिल्म या मनोरंजनात्मक चीजें दिखाई जाती हैं.
प्रश्न- धोनी के शादी की जो आपने रिपोर्टिंग की वो पत्रकारिता के किस विधा के अंतर्गत आती है?
उत्तर-
यह पत्रकारिता की कोई अलग विधा नहीं है, धोनी या सानिया मिर्ज़ा ऐसे लोग हैं जिन्हें देश की आधे से ज्यादा जनता पसंद कराती है. इनके शादी के खबर को लोग उतनी ही दिलचस्पी से देखते हैं जीतनी अन्य खबरों को.
प्रश्न- फिल्म खट्टा-मीठा के प्रमोशन के लिए आपने अपने चैनल के न्यूज़ रूम का रंग बदल कर उपयोग किया
था. यह पत्रकारिता के किस परिवर्तन को दर्शाता है?
उत्तर-
मैनें एक दिन पहलवान सुशिल कुमार का साक्षात्कार लिया था, इसमें मैं उनसे पहलवानी करता दिखाई देता हूँ. एक चित्र हज़ार शब्द के बराबर होता है. फिल्म खट्टा-मीठा या किसी भी फिल्म के प्रमोशन के लिए न्यूज़ रूम को वह स्वरुप इसलिए दिया जाता है जिससे दर्शक उस फिल्म से भली-भांति परिचित हो सके.
प्रश्न- स्टार एंकर हंट के ज़रिये जिनका चयन किया गया, उनकी विशेष खूबियाँ क्या थीं?
उत्तर-
स्टार एंकर हंट में हमने उन लोगों का चयन किया था जिन्किब आवाज़ दर्शक को पसंद आये, शब्दों का उच्चारण सही हो, भाषा का ज्ञान हो, व्यक्तित्व आकर्षक हो और क्षणिक निर्णय क्षमता हो जिससे पी सी आर से मिल रहे निर्देशों को समझ सकें.
प्रश्न- आपने कहा कि एंकर बनने आते हैं और रिपोर्टर बनकर रह जाते हैं, इसका क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
देखिये टीवी के स्क्रीन पर कि ख्वाहिश सभी में होती है. जो व्यक्ति एंकर बनने के लिए मीडिया में आता है, उसे एंकरिंग कि बेसिक जानकारियां जो मैनें स्टार एंकर हंट के लिए बताईं, नहीं रहतीं. जब पता चलता है तो वह अपने अन्दर उन क्षमताओं का विकास नहीं कर पाता इसलिए रिपोर्टर तक ही सीमित रह जाता है.
प्रश्न- प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में आप किसे बेहतर मानते हैं?
उत्तर-
दोनों अपने-अपने जगह पर श्रेष्ठ हैं. फ़िलहाल तो वेब मीडिया भी अपने पाँव जमा चुकी है फिर भी प्रिंट या इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इससे साबित होता है कि कोई भी माध्यम श्रेष्ठ या निम्न नहीं है. हाँ, ये है कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया जनता तक ज़ल्दी पहुंचता है और प्रिंट देर से लेकिन अपने पाठकों को वह सारी जानकारियां उपलब्ध कराता है