'तमन्ना'
आज मुझे फिर मिली
पर मैंने उससे बात नहीं की.
वह मुझे हर रोज़ मिलती है
हर रोज़ कहती है मुझे अपने दिल में बसा लो
मैं हर रोज़ उसे झिड़क देता हूँ
क्योंकि मुझे पता है
मैं एक दिन उसे अपने दिल में जगह दूंगा
तो वह मुझे कंगाल कर देगी,
मुझे पता नहीं कितनों से लड़ा डालेगी.
आज मुझे फिर मिली
पर मैंने उससे बात नहीं की.
वह मुझे हर रोज़ मिलती है
हर रोज़ कहती है मुझे अपने दिल में बसा लो
मैं हर रोज़ उसे झिड़क देता हूँ
क्योंकि मुझे पता है
मैं एक दिन उसे अपने दिल में जगह दूंगा
तो वह मुझे कंगाल कर देगी,
मुझे पता नहीं कितनों से लड़ा डालेगी.
एक दिन मैंने उससे कहा
भई देख मैं किसी और से प्रेम करता हूँ
तू मेरा पीछा छोड़ दे
पर बड़ी ढीठ है
सबके सामने मुझसे चिपक जाती है
और कहती है
देख बिना मेरे तेरा गुज़ारा होने वाला नहीं है
तू जिससे प्यार करता है
वह तुझे घास नहीं डालती.
मैं चौबीसों घंटे तेरे लिए तड़पती हूँ
तो तू मुझे डांटता है?
भई देख मैं किसी और से प्रेम करता हूँ
तू मेरा पीछा छोड़ दे
पर बड़ी ढीठ है
सबके सामने मुझसे चिपक जाती है
और कहती है
देख बिना मेरे तेरा गुज़ारा होने वाला नहीं है
तू जिससे प्यार करता है
वह तुझे घास नहीं डालती.
मैं चौबीसों घंटे तेरे लिए तड़पती हूँ
तो तू मुझे डांटता है?
मैंने उससे कहा
तू अपनी बेशर्मी से बाज आ
मुझे छोड़ दे
दुनिया में और भी बहुत हैं
तू जिनके पास जायेगी
तेरी ख़ूबसूरती को वे हाथों-हाथ लेंगे
पर मेरे पास मेरी झिड़की के अलावा
तुझे कुछ न मिलेगा.
एक बात तुझे मैं और बता दूं
तू अगर मर जायेगी
तो मैं और अधिक खुश ही होऊंगा.
मुझे छोड़ दे
दुनिया में और भी बहुत हैं
तू जिनके पास जायेगी
तेरी ख़ूबसूरती को वे हाथों-हाथ लेंगे
पर मेरे पास मेरी झिड़की के अलावा
तुझे कुछ न मिलेगा.
एक बात तुझे मैं और बता दूं
तू अगर मर जायेगी
तो मैं और अधिक खुश ही होऊंगा.
मेरी परवरिश ही ऐसे हुई है
कि ज़िंदगी में मुझे तेरी कभी
ज़रूरत ना पड़े.
मेरे माता-पिता ने बचपन में ही
मेरा ब्याह तय कर दिया है.
तब से मैं बस एक को ही जानता हूँ
वही मेरी प्रेयसी है
उसी में है मेरी श्रद्धा भी
वही मेरी अर्धांगिनी भी बनेगी
जिसका नाम है
'संतुष्टि'
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