शब्दाभाव और विषयहीन होते हुए भी
होती है लेखन की इच्छा
और
कभी-कभी लिख देता हूँ.
कुछ सरस, कुछ नीरस,
कुछ समग्रता, कुछ अभाव,
कुछ आधार, कुछ निराधार,
कुछ समुद्र, कुछ पहाड़,
कुछ नदी, कुछ नलिका,
कुछ पुष्प, कुछ कलिका,
कुछ जीवन, कुछ मृत्यु,
कुछ तर्क, कुछ कुतर्क,
कुछ भाव, कुछ विरक्ति,
कुछ सघन, कुछ विरल,
मुछ बंधन, कुछ मुक्ति,
कुछ निबंध, कुछ सूक्ति,
कुछ अंध, कुछ आलोक,
कुछ देव, कुछ दैत्य,
कुछ प्रसन्न, कुछ दैन्य,
कुछ समतल, कुछ उत्ताल,
कुछ मध्यम, कुछ वेग,
कुछ शून्य, कुछ अनंत.
ये शब्द जो सबको हैं विदित
इस संसार में,
ये शब्द जो हैं धुर विरोधी
एक-दूसरे के.
होती है लेखन की इच्छा
और
कभी-कभी लिख देता हूँ.
कुछ सरस, कुछ नीरस,
कुछ समग्रता, कुछ अभाव,
कुछ आधार, कुछ निराधार,
कुछ समुद्र, कुछ पहाड़,
कुछ नदी, कुछ नलिका,
कुछ पुष्प, कुछ कलिका,
कुछ जीवन, कुछ मृत्यु,
कुछ तर्क, कुछ कुतर्क,
कुछ भाव, कुछ विरक्ति,
कुछ सघन, कुछ विरल,
मुछ बंधन, कुछ मुक्ति,
कुछ निबंध, कुछ सूक्ति,
कुछ अंध, कुछ आलोक,
कुछ देव, कुछ दैत्य,
कुछ प्रसन्न, कुछ दैन्य,
कुछ समतल, कुछ उत्ताल,
कुछ मध्यम, कुछ वेग,
कुछ शून्य, कुछ अनंत.
ये शब्द जो सबको हैं विदित
इस संसार में,
ये शब्द जो हैं धुर विरोधी
एक-दूसरे के.
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