शब्द समर

विशेषाधिकार

भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
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12.7.14

रात

रात दर्द है लुटते हुए श्रृंगारों का, 
रात प्रमाण है ख़ूनी तलवारों का, 
रात साथी है भूखे सेंधमारों का, 
रात आवाज़ है दिन में घुटी हुई पुकारों का. 

रात एक जज़्बात है, 
रात एक सौगात है, 
कवियों की कलम-दवात है,
रात सुकून से मुलाक़ात है.

रात प्यास है,
रात आस है,
रात लिबास है,
रात अट्टाहास है,

रात प्यार है,
रात दीवार है,
रात अंगार है,
किसी की संसार है

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