शब्द समर

विशेषाधिकार

भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
चोरी पाए जाने पर दंडात्मक कारवाई की जाएगी|
अतः पाठक जन अनुरोध है कि बिना रचनाकार के अनुमति के रचना का उपयोग न करें, या करें, तो उसमें रचनाकार का नाम अवश्य दें|

12.7.14

लिखूँ तो किस पर?

कई प्रदेशों गरमाए सियासी माहौल पर 
या किसी के प्यार के उड़ रहे माखौल पर, 
दस्तक दे रही गुलाबी ठण्ड पर 
या प्रकृति द्वारा मिल रहे दूसरों के दंड पर, 
किसी अच्छे कार्य के लिए अपने मुंह मिया मिट्ठू बनूं 
या गिरती जा रही मीडिया साख पर सिर धुनू,
दोस्तों की बेवफ़ाई पर
या अपनी जग हंसाई पर,
जीवन जीने की प्रबल इच्छा पर
या मृत्यु को वरण करने की परीक्षा पर,
ग़रीबी से तड़पकर मर रहे लोगों पर
या अमीरों की फ़िज़ूल खर्ची और भोगों पर,
राष्ट्र में बढ़ रहे विभिन्न विवादों पर
या न्यायालय में दीमक द्वारा खाए जा रहे फरियादों पर,
दीवाली और मोहर्रम के पटाखों पर
या बालदिवस पर रो रही नन्हीं आखों पर,
अनायस ही ताज़ा हो रही कुछ पुरानी यादों पर
या पिछले दस दिनों के अकेलेपन में खुद के संवादों पर.

मैं और मेरा असमंजस दोनों ही 

आपस में जूझ रहे हैं. 
लिखूं तो किस पर?

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