अरे!
हमने तो सोचा
तुम हो बहुत ही शक्तिशाली
और धैर्यवान व्यक्तित्व
किन्तु यथार्थ को देखते ही
आपादमस्तक तुम हो गये जलमग्न
जैसे हो गई हो मूसलाधार बारिश
तुम्हारे अनंत विश्राम पर
और भाग गये छोड़कर मैदान ही|
अब आया समझ में
कि दो रोटी की जुगाड़ के लिए
कितना बेलते हैं पापड़ हम लोग?
ये जो तुम्हारा सूट-बूट और टाई है न
इसमें छीटे हैं मेरे रक्त की,
झलकियाँ हैं मेरे बच्चों के गाड़ दिए गये
स्वप्न के,
चपलता है सिन्दूर विहीन माँग
मेरी अर्दंगिनी की
और हैं चूड़ियों के टुकड़े|
मेरे लिए कार्य करना,
नहीं तुम्हारे बूते का|
बाबू तुम भाग जाओ|
जाओ बनाओ किसी वातानुकूलित घर में
योजना मेरे उद्धार की|
हमने तो सोचा
तुम हो बहुत ही शक्तिशाली
और धैर्यवान व्यक्तित्व
किन्तु यथार्थ को देखते ही
आपादमस्तक तुम हो गये जलमग्न
जैसे हो गई हो मूसलाधार बारिश
तुम्हारे अनंत विश्राम पर
और भाग गये छोड़कर मैदान ही|
अब आया समझ में
कि दो रोटी की जुगाड़ के लिए
कितना बेलते हैं पापड़ हम लोग?
ये जो तुम्हारा सूट-बूट और टाई है न
इसमें छीटे हैं मेरे रक्त की,
झलकियाँ हैं मेरे बच्चों के गाड़ दिए गये
स्वप्न के,
चपलता है सिन्दूर विहीन माँग
मेरी अर्दंगिनी की
और हैं चूड़ियों के टुकड़े|
मेरे लिए कार्य करना,
नहीं तुम्हारे बूते का|
बाबू तुम भाग जाओ|
जाओ बनाओ किसी वातानुकूलित घर में
योजना मेरे उद्धार की|