जो आग तेरे दिल में सुलगी,
उस आग को अब जल जाने दे
अरमानों की इस भट्ठी में,
एक चिंगारी पल जाने दे
तेरी हर चाहत की लकड़ी में,
ख्वाबों की लाशें सोई हैं
कर बन्द हवा को मुट्ठी में,
इसे बुझने का बल जाने दे
एक चिंगारी पल जाने दे
बे-मौत तेरे हर सपने को,
मरना ही लिखा है कुदरत ने
ले छीन खुदाया से अपनी,
तकदीर को अब खुल जाने दे
एक चिंगारी पल जाने दे
तमन्नाओं का हर एक धुआँ,
ढूँढेगा आसमाँ में ख़ुद को
तू खोल दिशाओं की राहें,
इसे अपने मन चल जाने दे
एक चिंगारी पल जाने दे
हर आँसू अपनी आँखों का,
जलता है बनकर तेल यहाँ
फानूस बन महफूज़ कर,
बन रूई उसे जल जाने दे.
एक चिंगारी पल जाने दे
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