अगर आप प्रेम में हैं,
तो उसे खुलेआम ज़ाहिर करिए।
प्रेम को प्रकट करना,
दिखावा नहीं होता
न ही होता है उसका प्रचारीकरण,
प्रेम प्राकट्य
प्रेम-प्रगाढ़ता के ताबूत की एक कील होता है।
अगर आप प्रेम में हैं
और आपका प्रेम नहीं है असहज,
तो अश्लीलता को छोड़कर,
सबकुछ दुनिया को दिखाइए।
हो सकता है,
दुनिया आपके प्रेम को न करे स्वीकार,
न करे तारीफ़,
तो क्या फ़र्क़ पड़ता है,
क्योंकि दुनिया अपने मतलब के अलावा
किसी की सगी नहीं होती।
इसलिए यदि आप प्रेम में हैं,
तो उग आइए हरी-हरी घास की तरह।
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