शब्द समर

विशेषाधिकार

भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
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23.9.19

दमदम ज़िन्दगी


दमदम भागती रहती है तू
ऐ ज़िन्दगी!

दम भर तो ठहर जा,
ज़रा तो दम लेने दे|

मेरा तो दम घुटता जा रहा है
तेरे हरदम भागते रहने से|

तू दम रही है मुझे,
और बेदम होता जा रहा हूँ मैं|

लगता है दम निकाल कर ही
दम लेगी तू|

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