आएं उत्तर की हवाएं, दक्षिण को ले
जाएं
छाएँ पूरब में घटाएं, जाके पश्चिम में
बरसाएं
सभी दिशाओं से आकर, बस एक ही गीत हम
गाएं
चलो चलो रे चलो रे, चलो चलो रे चलो
रे
सूरज आया निकल क्षितिज से, फिर
तुम क्यों हो सोए
महाबली हो तुम बलशाली, किस्मत पर क्यों
रोए
देखो अपनी भुजाएं, चाहो जैसा कर
जाएं
फ़ौलादों की शाखाएं, ये चाहें सागर
लंघ जाएं.
सभी दिशाओं से मिलकर, बस एक ही गीत हम
गाएं
चलो चलो रे चलो रे, चलो चलो रे चलो
रे
एक धरा है, एक गगन है,
एक
हमारी मंज़िल
एक आदम की औलादें, हौव्वा के हैं
हम दिल
छोडो जाति की प्रथाएं, ये तो हैं
विपदाएं
दूरी अपनी सब मिटाएं मानवता को धर्म बनाएं
सभी दिशाओं से मिलकर, बस एक ही गीत हम
गाएं
चलो चलो रे चलो रे, चलो चलो रे चलो
रे
तुम चाहो तो खलिहानों में भागीरथी आ जाए
तुम चाहो तो बंजर धरती सोने से लद जाए
छोडो आलस की अदाएं, समझो अपनी तुम
क्षमताएं
तुमसे देश को आशाएं, चलो सागर को मथ
आएं
सभी दिशाओं से मिलकर, बस एक ही गीत हम
गाएं
चलो चलो रे चलो रे, चलो चलो रे चलो
रे
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