आज सूरज भी अलसाया है.
और आँखे खोयी हुई हैं एक हसीन दुनिया में.
मदहोश चांदनी लिपटी हुई है बदन से.
और पूरे समय जगाये रखा अपने घर में .
पोर-पोर में जकड़न है,
और अंगड़ाई है युगल भुजंगिनी सी .
एक सितारी छुअन है
और झंकृत है आपादमस्तक देह.
परिंदों को आज दानें की फ़िक्र नहीं है.
उनकी दुनिया आज इसी घोसले में ही सिमटी है.
वक़्त थम गया है
क्योंकि आज सूरज अलसाया है
और आँखे खोयी हुई हैं एक हसीन दुनिया में.
मदहोश चांदनी लिपटी हुई है बदन से.
और पूरे समय जगाये रखा अपने घर में .
पोर-पोर में जकड़न है,
और अंगड़ाई है युगल भुजंगिनी सी .
एक सितारी छुअन है
और झंकृत है आपादमस्तक देह.
परिंदों को आज दानें की फ़िक्र नहीं है.
उनकी दुनिया आज इसी घोसले में ही सिमटी है.
वक़्त थम गया है
क्योंकि आज सूरज अलसाया है
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