तुम चाहो तो मुझसे नफरत कर लो
मगर ये मत चाहो कि मैं
बदल लूं अपनी जीवन शैली
तुम्हारे अनुसार...
फिर मैं कहाँ
रह जाऊंगा
तुम्हीं जियोगे मुझमें भी
अपनी देह बदलकर ...
शब्द समर
विशेषाधिकार
भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
चोरी पाए जाने पर दंडात्मक कारवाई की जाएगी|
अतः पाठक जन अनुरोध है कि बिना रचनाकार के अनुमति के रचना का उपयोग न करें, या करें, तो उसमें रचनाकार का नाम अवश्य दें|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें