शब्द समर

विशेषाधिकार

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7.3.11

मै बड़ा हो गया









लेटा था छत पे,
ताक रहा था आसमान को,
एक तारा चलता दिखाई दिया,
मुझे मेरा बचपन दिखाई दिया.
नीचे उतरा दरवाज़ा खोला,
तेज़ रोशनी थी बल्ब की,

बचपन उसी में खो गया,
एहसास हुआ की मै बड़ा हो गया.




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