हर ईमानदार अब नापा जाएगा
ख़िलाफ़ बोलने पर छापा जाएगा
या हुक्मरानों की हाँ में होगी हाँ
या पत्ता ज़िन्दगी से काटा जाएगा
या बेबाकी ज़ब्त करनी होगी
या गालों पर चाँटा जाएगा
या कलम दावतों में होगी क़ैद
या स्याही से लाश को पाटा जाएगा
ये नए ज़माने का नया मुल्क़ है
यहाँ हुक़्म-ए-शाह अब लादा जाएगा
हाकिम इंसान को समझता है भेड़ सिर्फ
सबको एक ही डण्डे से हाँका जाएगा।
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