शब्द समर

विशेषाधिकार

भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
चोरी पाए जाने पर दंडात्मक कारवाई की जाएगी|
अतः पाठक जन अनुरोध है कि बिना रचनाकार के अनुमति के रचना का उपयोग न करें, या करें, तो उसमें रचनाकार का नाम अवश्य दें|

10.10.17

रेगिस्तानी पलकें

दुःख में हर बार मूँद लेता है वह,
अपनी पलकें|
जब भरने लगती हैं आँखें,
तो सूख जाता है उसका पानी|
बहुत तपाया है ज़िन्दगी की धूप ने उसे|
अब उसकी आँखों में समन्दर नहीं,
रेगिस्तान बसता है|

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