खुलि गइ स्कुलिया देखा हो झमाझम भैया कोपल देखा
आई बंदरिया नाचे है छमाछम भैया कोपल देखा
कद्दू भैया चले बराती, लिए नचनिया संग
धनिया की हाल न पूछो महके गमागम भैया कोपल देखा
आलू-टमाटर छोटे भैया, पियाज को बहलावे
गोभी की आँखें चमके हैं चमाचम भैया कोपल देखा
भिन्डी चाची, परवर चाचा, बिना बात मुस्कुराए
लहसुन के तेवर लागे हैं तनातन भैया कोपल देखा
खीरा-ककड़ी लिए मंजीरा, छत पे आके गाएं
कटहल की ढोलक बाजे है ढमाढम भैया कोपल देखा
अदरक-हल्दी लिए किताबें घर से स्कूल को जाएँ
मिर्चा की पेन्सिल लिखती है दनादन भैया कोपल देखा
जीवन में कुछ करना है तो पहले स्कूल में आयें
सुन लो 'विद्यार्थी' की बात में है दम भैया कोपल देखा
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