हे
एकल!
हठ त्याग, स्वीकार विधि को
और समझ इस बात को
एकल ही आया तू वसुधा पर
एकल ही होगा प्रस्थान तेरा
कर दृढ़ निश्चय, मन कर एकल
कर त्याग मोह निकल बन बेकल
है सम्मानित तू जन-जन में
पर जीवन तेरा है एकल
तू चल एकल, तू चल एकल, तू चल एकल.
एकल!
हठ त्याग, स्वीकार विधि को
और समझ इस बात को
एकल ही आया तू वसुधा पर
एकल ही होगा प्रस्थान तेरा
कर दृढ़ निश्चय, मन कर एकल
कर त्याग मोह निकल बन बेकल
है सम्मानित तू जन-जन में
पर जीवन तेरा है एकल
तू चल एकल, तू चल एकल, तू चल एकल.