शब्द समर

विशेषाधिकार

भारतीय दंड संहिता के कॉपी राईट एक्ट (1957) के अंतर्गत सर्वाधिकार रचनाकार के पास सुरक्षित है|
चोरी पाए जाने पर दंडात्मक कारवाई की जाएगी|
अतः पाठक जन अनुरोध है कि बिना रचनाकार के अनुमति के रचना का उपयोग न करें, या करें, तो उसमें रचनाकार का नाम अवश्य दें|

21.3.23

सभ्यता का पतन

मैं शोक में हूँ
कि आदमी मर चुका है।|

शोक से भी अधिक
क्षोभ में हूँ
कि मरे हुए आदमी के शव की सड़ान्ध,
फैल चुकी है समूचे सरोवर में।

क्षोभ से भी अधिक,
आश्चर्य में हूँ
कि इस सड़ान्ध से,
किसी को कोई समस्या नहीं है।

आश्चर्य से भी अधिक
निश्चित हो चुका हूँ,
कि यह दुर्गन्ध
एक व्यक्ति की नहीं,
मरे हुए समस्त मानव जाति के,
सड़ चुके विचारों की है।

आदमी तो तभी मर जाता है,
जब मारी जाती है,
इसकी शिक्षा,
गाड़ दिया जाता है इसके विचारों को।

शिक्षा का पतन
मनुष्य
और उसकी सम्पूर्ण सभ्यता के मृत्यु की,
पहली निशानी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें