देश आपात स्थिति में है
पूर्ण राष्ट्रबन्दी की,
की गई है घोषणा।
वैश्विक महामारी के काल में
कोई न निकले
अपने निवास से बाहर,
नहीं तो,
किए जाएँगे दण्डित,
बन्द कर दिए जाएँगे बन्दी गृह में।
करते यही घोषणा,
गली-गली घूम रहे हैं सैनिक जन।
तू क्यों घूम रहा है बाहर झुरुआ?
और तेरे बच्चे भी?
क्या तुझे नहीं पता
कि बाहर घूमना है अपराध?
अभी उठा लिया जाएगा,
और दे दिया जाएगा कारावास?
साहब!
यह कारावास,
हम सबको मिलेगा न?
तो ले चलो न मुझे
और मेरे बच्चों को वहीं।
हम दिहाड़ी लोग इक्कीस दिन
बिना खाए कैसे रहेंगे?
बाहर गए,
तो महामारी मारेगी,
घर में रहे तो भूख।
अच्छा होगा,
आप हम सबको अन्दर ही डाल दीजिए
कम-से-कम
दोनों समय का भोजन तो मिला करेगा
जेल में ही सही,
हम कुछ और दिन जी तो लेंगे।
पूर्ण राष्ट्रबन्दी की,
की गई है घोषणा।
वैश्विक महामारी के काल में
कोई न निकले
अपने निवास से बाहर,
नहीं तो,
किए जाएँगे दण्डित,
बन्द कर दिए जाएँगे बन्दी गृह में।
करते यही घोषणा,
गली-गली घूम रहे हैं सैनिक जन।
तू क्यों घूम रहा है बाहर झुरुआ?
और तेरे बच्चे भी?
क्या तुझे नहीं पता
कि बाहर घूमना है अपराध?
अभी उठा लिया जाएगा,
और दे दिया जाएगा कारावास?
साहब!
यह कारावास,
हम सबको मिलेगा न?
तो ले चलो न मुझे
और मेरे बच्चों को वहीं।
हम दिहाड़ी लोग इक्कीस दिन
बिना खाए कैसे रहेंगे?
बाहर गए,
तो महामारी मारेगी,
घर में रहे तो भूख।
अच्छा होगा,
आप हम सबको अन्दर ही डाल दीजिए
कम-से-कम
दोनों समय का भोजन तो मिला करेगा
जेल में ही सही,
हम कुछ और दिन जी तो लेंगे।
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