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साभार-गूगल, |
आज हग दे|
फिर साल भर इन्तज़ार करना पड़ेगा|
प्रेमिका की बाँहों में
लिपटकर हगो,
धीरे-धीरे हगो, या झपटकर हगो,
पर खूब हगो|
हग का भी,
अपना एक अलग ही आनन्द है|
कामदेव भी आज के दिन
लजा-लजा कर हग रहे होंगे,
और रति भी,
किन्तु आज दोनों हगेंगे|
काश! कि मेरी भी कोई प्रेमिका होती,
मैं भी उसे बाँहों में
जकड़कर खूब हगता,
और वह भी हगती|
बाग़ में, बगीचा में, घर में, दूकान में
अगवाड़े में-पिछवाड़े में,
झाड़ी में, झुरमुट में
अरहर के खेत में,
गेहूँ के खलिहान में,
आरी में, मेड़ में
छुप कर हगो|
चाहे वर्तमान
खुली संस्कृति के अनुसार,
अगर कंज़र्वेटिव नहीं हो तो,
खुलेआम सड़कों पर,
माता-पिता के सामने,
बड़ों के सम्मान में,
कालेज प्रांगण में,
कक्षा में, घर के आँगन में,
छात्र शिक्षकों के सामने,
और शिक्षक छात्रों के सामने
हग डालो|
बैठ के हगो,
या खड़े-खड़े,
झुक कर हगो,
या पड़े-पड़े,
पर आज के दिन ज़रूर हगो|
चूम-चूम के हगिये,
झूम-झूम के हगिये,
काँख-काँख के हगिये,
पाँख-पाँख के हगिये|
कई दिनों बाद वाले
अपने साथ टिशू-शुशू
पेपर ज़रूर रखना,
न जाने फुर्क़तों का पानी
कितना निकले,
तो उसे पोछेंगे कैसे?
मेरे अधकचरे हिन्दी भाषी साथियों!
बुरा मत मनाना
मेरे 'हगने' शब्द से.
घिन भी मत करना 'हगने' की प्रक्रिया से|
हिन्दी में यह शब्द
अवश्य असामाजिक है,
लेकिन अंग्रेज़ी के गुलामों के लिए
भरी सभा में सभ्यता का प्रतीक है|
मैं भी सभ्य बन रहा हूँ,
और अंग्रेज़ी में हग रहा हूँ,
क्योंकि जिस तरह
अंग्रेज़ी के 'रिपोर्ट' शब्द को हिन्दी के
बहुवचन में 'रिपोर्टें'
डॉक्टर को 'डॉक्टरों',
इस्तेमाल किया जाता है,
उसी तरह से मैंने
अंग्रेज़ी के 'हग' को
हिन्दी में हग दिया है|
मैं जिस जगह रहता हूँ
वहाँ अंग्रेज़ी का ही बोलबाला है,
मजबूरी में मुझे इस
भाषा को हगना पड़ा है|
अब मैं आये दिन अंग्रेज़ी में ही
हगने लगा हूँ|
हगना हिन्दी में हो
या अंग्रेज़ी में
इससे मन तो
हल्का हो ही जाता हैं,
इसे वैज्ञानिकों ने भी
प्रमाणित कर दिया है|
तो फिर पक्का न
आज हग दें?
हे बारह फ़रवरी!
तू साल भर बाद ही क्यों आती है,
जबकि मैं हर रोज़ हगना चाहता हूँ|
चलो साथियों मैं तो सुबह से
इन्तज़ार कर रहा हूँ,
कौन है,
जो मेरे साथ हगना चाहता है?
आओ तो वेलकम,
जाओ तो भीड़ कम|