जिसके दांतों की चमक से, निशा दिवस सम दर्शाए
वो हीरे की क्या क़दर करे?
जिसके मंद अधर मुस्कान से, खुद पराग ही गिर जाये
वो भ्रमरों की क्या क़दर करे?
जिसके पलकों के झपकने से, गगन दामिनी दमकाए
वो मेघों की क्या क़दर करे?
जिसकी सूरत वीनस को तरसाए
संगममर की क्या क़दर करे?
जिसे देख आइना शर्माए
वो चंदा की क्या क़दर करे?
जिसके क़दमों की दमक से स्वतः भूकम्पित हो जाये
हलधर की क्या क़दर करे?
जिसके साँस धरा को महकें
सुमनों की क्या क़दर करे?
जिसके पास करोड़ों मडराएँ
'विद्यार्थी' की क्या क़दर करे?
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